उफनाये दरिया को देख दिल सहम सा गया , वापिस कदम खुद बा खुद चल पड़े ! रस्ते में एक बच्चा बारिश के मजे ले रहा था , गजब का हौसला हमने कागज़ की नाव में देखा !! उसके चेहरे के सुकून से हमने जाना , हारना उसने जाना न था ! खुदा इस हौसले को यु ही बचा रखना , बड़ी मुश्किलों से इंसान तैयार होते हैं !! रात आई है तो सवेरा भी होगा , थोडा इत्मिनान रख मेरे दिल !! दरिया कितनी भी गहरी क्यों न हो किनारा जरूर होता है !! ***************************************
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