उफनाये दरिया को देख दिल सहम सा गया ,
वापिस कदम खुद बा खुद चल पड़े !
रस्ते में एक बच्चा बारिश के मजे ले रहा था ,
गजब का हौसला हमने कागज़ की नाव में देखा !!
उसके चेहरे के सुकून से हमने जाना ,
हारना उसने जाना न था !
खुदा इस हौसले को यु ही बचा रखना ,
बड़ी मुश्किलों से इंसान तैयार होते हैं !!
रात आई है तो सवेरा भी होगा ,
थोडा इत्मिनान रख मेरे दिल !!
दरिया कितनी भी गहरी क्यों न हो
किनारा जरूर होता है !!
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