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Showing posts with the label Uttar Pradesh

A leaf from the past ||

एक याद बीते दिनों की  ||   करीब 6 घंटे की कमरतोड़ बस की यात्रा के बाद बहराइच पहुँचा , बस अड्डे पर ही एक दुकान मे चाय पी और हाथ रिक्शा ले चल पड़ा अपने जीवन के नये अध्याय की तरफ. सड़क तो नही पर हाँ तंग गलियाँ कह सकता हूँ जिनसे होकर मेरा रिक्शा चला पड़ा | करीब 15 मिनट की मशक्कत के बाद टीबी हस्पताल चौराहे पर जाम मे अटक गया | अब रास्ता तो पता नहीं था और IDBI बॅंक तो भी कुछ ही महीने हुए थे सो कोई बता भी नहीं पा रहा था | चूँकि पता टीबी हस्पताल के सामने का था सो रिक्शा छोड़ , बैग उठाकर पैदल ही चल पड़ा |   सड़क पार करते ही दाईं तरफ एक दाँत चिकित्सालय है , और उसके बगल एक मोबाइल रीचार्ज की दुकान हुआ करती थी ( अब नही पता है या नहीं) | पहले दाँत वाले से पूछा , निराशा हाथ लगी , फिर जब मोबाइल वाले से पूछा तो बगल मे खड़े एक भाई ने बड़ी कौतूहलता से देखा |   मैने जैसे IDBI का नाम लिया , उसने बात काट दी , अरे सर कुछ काम है क्या बॅंक मे ? उसने छूटते ही अपना जाल फेंका , अकाउंट खोलना है क्या , बताइए ? मुझे समझ आ गया था वो सेल्स टीम मे होगा , ऐसा ही होता है सेल्स वालों के साथ |   खै

असली समाजवाद क्या है ?

एक छोटी सी कहानी सुनाता हूँ , हमारे अगल बगल भी इस कहानी के पात्र मिल जाएंगे अगर आप ध्यान से देखेंगे -   " एक बार एक भिखारी मेरे पास भीख मांगता हुआ आया, "भैया बाबू साहब हुई जाय , कुछ पैसा दय द बाबू " । मेरे पास खुले सिक्के नहीं थे सो झोले में रख सेव बढ़ाते हुए मैंने कहा , पैसा नहीं यही ले लो । भिखारी ने मुंह सिकोडा ," न भैया खाली पैसा दै द" ।  जाने क्यों बरबस ही ख्याल आया की नगद के चक्कर में क्यों है पता किया जाए , मैंने उसे १० रूपये का नोट दिया और वो खुश हो कर आगे बढ़ गया । थोड़ा उसके पीछे चल कर पता चला , वो सीधा पान की दूकान पर गया और मस्त पान-मसाला खरीदा और पुड़िया फाड़ मुंह में मसाला भर लिया "।    उस दिन मैंने कसम खाई की अब कभी भीख नहीं दूंगा , अब भी नहीं देता हूँ ।    खैर कहानी खत्म पैसा हज़म , कुछ ऐसा ही होता है हमारे राजनीति में , है ना ? "कठिन समय और असीमित शक्ति , किसी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी कसौटी है । बढ़िया व्यक्तित्व बेहतर होता जाता है और बद , समय के बदतर होता जाता है ।" इतिहास हमें कई उदहारण देता है | बहुत पुराने

नई सुबह का इंतज़ार फिर से है |

तुमने ठोकर सिर्फ मुझे नहीं मारा, ये ठोकर है हर उस गरीब को जो सपने देखता है अच्छे कल के । ये ठोकर है हर उस मजबूर को , जो हर सुबह उठ कर बस यही सोचता है के आज कुछ पैसे कमा लूँ  ताकि शाम को भूखा न सोना पड़े । ये ठोकर है हर उस उम्मीद को, जो उठती है मेरे साथ हर सुबह, मेहनत करती है पसीना बहाती है दिन भर और फिर थक कर दम तोड़ देती है हर शाम । पर हर सुबह फिर से आ जाती है मेरे पास , नई उम्मीद बन कर । मगर आज की ठोकर के बाद लगता नहीं की फिर से ऐसी सुबह आएगी । तुमने कहा की मै सड़क पर बैठा था जो गैरकानूनी है , सच कहा तुमने, मै तो भूल ही गया था , इस सड़क पर सिर्फ बईमान ही दूकान लगा सकते हैं , मगर मै बूढा ये समझ न पाया । बाप की उम्र का सही , गुस्सा था तो अरे दो - चार थप्पड़ ही मार लेते । हाथ जोड़े, विनती भी की, मगर तुम न माने और मार दिया  ठोकर मेरी जिंदगी को । तुमने सिर्फ टाइप-राइटर नहीं तोडा, तुमने तोडा है मेरा आज , मेरे आने वाले कल को । ये जो टुकड़े पड़े हैं ना, ये रिबन-नट-बोल्ट-स्पोक्स नहीं है, ये टुकड़े है मेरी दवा की शीशी की , ये टुकड़े है मेरे खाने के , ये टुकड़े है मेरी हर उस जरुरत की जो मुझे ज़ि

Doctors Dilemma - Professional Integrity

2 Stooges of UP POLITICS

Tour de Education !

Isn't it your duty as well???

A true Philanthropic : Rajarshi Tandon

What have we learnt being an Allahabadi? Its time to disconnect from Gandhi family and learn from real leaders from the great city of Allahabad..... Rajarshi Tandon, if you ask any person who belongs to Allahabad  he would say, Yes, there is an open University and a PD Tandon Park in Katra. Thats it, this is all we know about him....Shame! Following excepts from wikipedia may explain what was he in reality, who he was and what being a philanthropic meant to him : Rajarshi Purushottam Das Tandon was at the time a Member of Parliament.  Once, when he went to collect his salary cheque in the Parliament Office, he asked the clerk there to transfer the amount directly to a “Public Service Fund”.  The officials over there were pleasantly surprised by his generosity. One of his colleagues standing nearby said: “There are hardly four hundred rupees as your allowance for the whole month. And you are donating the entire amount for social service?”  Tandon ji humbly replied – “You se

Spectoons : UP Election Results

After so much halla-bulloooooo, finally Uttar Pradesh made its decision by Presenting the crown to cycle which overtook the elephant in an emphatic manner. As usual, KAMAL wasn't able to make his presence felt but they must be happy to share the opposition with Mayawati on their sides. The last one was HAND and as expected nobody was ready to hold the HAND even after so much hardwork by Yuvraj... Here is my take over the results :